जानवरों में भी जान है!!!
उनमें भी प्राण है
उनको तकलीफ देकर
हमको ही नुक्सान है
जानवर लुप्त होते,लगता हमको पाप है
उनके प्राण लेकर, करते हम अपने आराध्य का अपमान है
उनकी बनाई दुनिया को
करते हम बर्बाद है।
उनको प्यार दे
तो लुटाते वो हमपर अपनी जान है
तो होते हम बलवान है
मुर्गी हमे अण्डे देती
करती हमपर उपकार है
उनको काट कर खा जाना
क्या यही मनुष्यों का काम है?
जो करते हमारा फायदा
पहुचाते हम उनको क्यों नुक्सान है?
जानवरों मे भी जान है
उनमे भी प्राण है!!
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ReplyDeletethis is amazing, keep posting such wonderful posts
ReplyDeleteThank u
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Wow. I am fan of your poems.
ReplyDeleteThank uhh
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